अशोक लव के दोहे
रविवार, 22 अप्रैल 2018
Tar-Tar ho rahee hain Betiyan / Ashok Lav
बच्चियों को रौंद रहे , वहशी गली-गली,
कितनी असहाय अब,हो गई हैं बेटियाँ
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कैसे उठाकर बस्ते अब, जाएँ वे स्कूल,
वहाँ भी तार-तार, हो गई हैं बेटियाँ
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--अशोक लव
सोमवार, 30 जनवरी 2017
अशोक लव द्वारा संपादित काव्य-संग्रह ' हथेलियों पर उतरा सूर्य '
नव सुमंगलम प्रकाशन , नई दिल्ली , मूल्य -200 रुपए , संपर्क करें- navsumanglam@gmail.com (M)95 99 39 80 23
शनिवार, 7 जनवरी 2017
यह जग ऐसा बना....
बेटी को दुलरा रही ...अशोक लव
बुधवार, 4 जनवरी 2017
Ashok Lav : A Multifaceted Literary Personality
शनिवार, 22 अक्टूबर 2016
Ashok Lav ke Dohe : Maan-Beti (Mother and Daughter)
Ashok Lav and other office bearers of Dwarka Ramlila Mahotsav with Pishpendra Pathak (Jt Commissioner, Dehi Police)
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